50+ Bewafa Shayari in Hindi | बेवफा शायरी अब हिन्दी मे
Bewafa Shayari in Hindi: Love is often called unfaithful because the one whom we love betrays us. When our partner leaves or breakup and when we get cheated in love, then we definitely feel disappointed. This sad phase comes in our life when we feel lonely. A person who commits infidelity often breaks down. Some poetry has been given below on the same infidelity. Must share if you like Bewafa Shayari in Hindi.
प्यार को अक्सर बेवफा कहा जाता है वो इसलिये की हम जिससे प्यार करते है वही हमसे बेवफाई कर लेते है | हमारे साथी का छोड जाना या फिर ब्रेकप होना और जब हमे प्यार मे धोका मिलता है तो हमे निराशा जरूर आती है | यह एक सॅडनेस वाला दौर हमारे लाईफ मे आता है जब हम एकेले पड जाते है | बेवाफाई करने वाला इंसान अक्सर टुट जाता है | उसी बेवफाई पे नीचे कुछ शायरी दी गयी है | पसंद आहे तो जरूर शेअर करना |
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Bewafa Shayari in Hindi

कोई शिकवा नही है तुमसे बेवफाई का
में परेशान हु खुद अपनी वफाओं से |
हर धड़कन में एक राज़ होता है,
बात को बताने का एक अंदाज़ होता है।
जब तक ठोकर न लगे बेवाफ़ाई की
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
तू चली गई दूर
पर तेरा जिक्र अब भी है,
दिल में नफरत
पर दिमाग में फ़िक्र अब भी है |
मोहब्बत में अक्सर ऐसा ही होता है
बेवफाई करने वाले हंसते हैं
और वफा करने वाले रोते है |

कोई मिला ही नहीं जिसको वफा देते,
हर एक ने दिल तोड़ा किस-किस को सजा देते.
मैं तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूँढता हूँ
जो बेवफ़ाई करे और बेवफ़ा न लगे
रूक जाती है सारी शिकायतें इन होंठो तक आकर,
जब मासूमियत से वो कहते है अब मैंने क्या किया.
जहाँ से जी न लगे तुम वहीं बिछड़ जाना
मगर ख़ुदा के लिए बेवफ़ाई न करना

तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी.
इक अजब हाल है कि अब उस को
याद करना भी बेवफ़ाई है
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा.
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो.

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता|
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें
तू भी आईने की तरह बेवफा निकला,
जो सामने आया उसी का हो गया.
मेरा प्यार सच्चा था
इसलिए तेरी याद आती है,
अगर तेरी बेवफाई भी सच्ची है
तो अब यादों में मत आना।

बहुत दर्द देती है आज भी वो यादें,
जिन यादों में तुम नजर आते हो.
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
आदत इस की भी आदमी सी है |
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से.
वो तो हमे हमारी सिर्फ
औकात दिखाने आये थे
हमही गलती से
उनसे मोहब्बत कर बैठे|
Bewafa Shayari in Hindi

मजाक तो मैं बाद में बना,
पहले तो उसने मुझे अपना बनाया था |
यू बदलने का अंदाज
जरा हमें भी सिखा दो
जैसे हो गए हो तुम बेवफा
वैसे हमें भी बना दो।
जिनसे थे मेरे नैन मिले,
बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले।
इतना प्यार करने के बाद भी ,
सनम मेरे बेवफा निकले।
दनाम क्यों करते हो तुम इश्क़ को ए दुनिया वालो,
मेहबूब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क़ का क्या कसूर |

कैसी मोहब्बत है तेरी
महफ़िल में मिले, तो अंजान कह दिया
तन्हा जो मिले, तो जान कह दिया |
बड़ा अजीब दस्तूर है इस दुनिया का
बेवफाई दिलबर करता है लेकिन
बदनाम सरेआम मोहब्बत होती है |
काश कैद कर ले वो पागल,
मुझे अपनी डायरी में
जिसका नाम छिपा होता है
मेरी हर शायरी में |

बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे,
एक शहर अब इनका भी होना चाहिए।
प्यार के नाम पर
बेवफाई दे जाते हैं!
कुछ लोग प्यार में
सिर्फ बदनामी दे जाते हैं!
तुम नहीं मिले तो क्या हुआ
सबक़ तो मिल गया

तेरी बेवफाई का क्या शिकवा करूं
मुझे तो मेरी वफाओं ने ही मार रखा है |
दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा,
मोहब्बत में बेवफाओं पर मुकदमा कहां होता है ।
दिल टूटा तो एक आवाज आई!
चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई!
सोचा क्या होगा इस खाली दिल में!
लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर निकल आई!

तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
आप छेड़े ना वफ़ा का किस्सा
बात में बात निकल आती है

जिसकी बेवफ़ाई ने मुझे शायर बना दिया
मैं उसकी ग़ज़ल आज भी पढ़ता हूँ |
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।
टूटा ये दिल मेरा
उनकी बातों के जोर से,
जब पता चला कि
उसे प्यार है किसी और से।
Bewafa Shayari in Hindi

तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी।
कुछ तो समझाओ अपनी यादों को
दिन -रात तंग करती है
मुझे कर्ज़दार की तरह
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर
दिलों को तोड़ देते हैं,
आप मंजिल की बात करते हो
लोग राहों में छोड़ देते हैं।

बेवफा़ यार को भी सीने से लगा रखा है
हम जैसो ने मोहब्बत को सर चढा़ रखा है।
मोहब्बत से भरी कोई
ग़ज़ल उसे पसंद नहीं।।
बेवफाई के हर शेर पे
वो दाद दिया करते है…!
हम भी खुद को
इतना बदलेंगे
की लोग तरस जाएंगे
पहले जैसा देखने के लिए..!
ला तेरे पैरों पर मरहम लगा दूं
कुच चोट तुझे भी आई होगी
मेरे दिल को ठोकर मारकर |

कैसे यकीन करे हम तेरी मोहब्बत का,
जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से।
ना जाने क्यों ये दिल इतना नादान
बेवफा के लिए ही रोता है
अश्क बहाता है आँखों से
पर लब खामोश रहता है
कोई मिला ही नही जिसको वफ़ा देते
हर एक ने दिल तोडा
किस-किस को सज़ा देते
भुला दे ऐ दिल…
तू भी अब उनको
वह तुझे छोड़कर
अपनी दुनिया में मसरूफ हैं!

जब तक न लगे बेवफ़ाई की ठोकर दोस्त,
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है।
बीते कल को याद ना कर
बड़ा दर्द होता है
तू उन्हें याद ना कर
वो तुम्हें बेवफ़ा बताकर सोता है।
कभी –कभी हम धागे ही
बड़े कमज़ोर चुन लेते है
और फिर पूरी उम्र गाठ बाँधने
में ही निकल जाती है
रात का गहेरा अंधेरा
मेरे ख्वाबों पर छा गया है…
तेरी बेवफाई के गम में
बस आंसू बहाए जा रहे हैं